Poet
Mustafa Mahir
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Back to List of Poets Back to List of Poems दिखावे के लिए मुजरिम हमेशा चंद रहते हैं
सलाखों में यहाँ मासूम सारे बंद रहते हैं वो चाहे दर्द दे या मुफलिसी दे या परेशानी मगर हम हर घड़ी उसके अकीदतमंद रहते हैं भरोसा टूट जाए तो मुहब्बत रूठ जाती है ये कच्चे रास्ते बरसात हो तो बंद रहते हैं तुम्हारी कीमती पोशाक से अलमारियाँ फुल हैं मेरे त्यौहार के कपड़ों में भी पैबंद रहते हैं हमेशा वक्त पर देते हैं धोखा ज़िम्मेदारी से मेरे अपने हों कैसे भी मगर पाबंद रहते हैं अंधेरों की चलो आँखों में आँखें डाल दूँ मैं ही, उजालों के यहाँ बुझदिल ज़रूरतमंद रहते हैं। |
***सहमति पत्र***
1. मैं साहित्यिक वेबसाइट www.niharikanjali.com को अपनी साहित्यिक रचनाएं जो कि मेरी स्वयं की मौलिक रचनाएं हैं, प्रकाशित करने की सहमति प्रदान करता / करती हूँ। इसके लिए उपरोक्त वेबसाइट से मैं भविष्य में कभी भी अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार के भुगतान की मांग नहीं करूंगा / करूंगी।
2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
3. उपरोक्त वेबसाइट से संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद का न्यायिक क्षेत्र कानपुर अथवा दिल्ली ही होगा।
1. मैं साहित्यिक वेबसाइट www.niharikanjali.com को अपनी साहित्यिक रचनाएं जो कि मेरी स्वयं की मौलिक रचनाएं हैं, प्रकाशित करने की सहमति प्रदान करता / करती हूँ। इसके लिए उपरोक्त वेबसाइट से मैं भविष्य में कभी भी अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार के भुगतान की मांग नहीं करूंगा / करूंगी।
2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
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