NEEHARIKANJALI
Poet
Mustafa Mahir


नाम- मुस्तफ़ा ‘माहिर’
जन्मतिथि- 02-Nov-1984
जन्मस्थान- पन्तनगर, उत्तराखण्ड, भारत
शिक्षा- एम. बी. ए.
सम्प्रति- व्याख्याता- प्रबंधन विभाग, इंटीगरल विश्वविद्यालय, लख़नऊ , उत्तर प्रदेश
लेखन विधा- उर्दू शायरी
प्रकाशित रचनायें- प्रकाशित पुस्तक- दुआ कीजै, प्रयास, पंखुड़ी, शामियाना आदि पत्रिकाओं में सफल गज़ल प्रकाशन, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में काव्यपाठ एवं मुशायरों व कवि सम्मेलनों में काव्यपाठ व सफल संचालन
विशेष- मुस्तफ़ा ‘माहिर’ ने उर्दू शायरी में जिस तरह राष्ट्रीय चेतना के स्वर को उकेरा है उसके अन्यत्र दर्शन नहीं होते

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कविता संग्रह


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भले हो दूर का तुमसे मगर रिश्ता निकल आया...


फ़कत छोटी सी इक अनबन हुई झगड़ा निकल आया
क़बीलों का जरा सी बात पर शिज़रा निकल आया


ये सब बेकाम की बातें भी कितने काम की निकलीं
भले हो दूर का तुमसे मगर रिश्ता निकल आया


मैं अपनी तिश्नगी को जिस जगह आया था दफनाकर
सुना है आजकल मैंने वहाँ दरिया निकल आया


दुआ फिर ज़िन्दगी को मौत के मुँह से बचा लाई
कि बच्चा फिर गिरा गढडे में औ’ ज़िन्दा निकल आया


जुदा होकर तू मुझसे ज़िन्दगी कैसे गुज़ारेगा,
अभी दो रोज़ बीते हैं तेरा चेहरा निकल आया




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