Poet
![]()
Sarvesh Tripathi
|
Back to List of Poets Back to List of Poems मुक्त हैं किन्तु प्रतिबन्ध से कम नही ।
प्रेम भी रक्त सम्बन्ध से कम नही । बात जो भी लिखी थी न बदली कभी । चिट्ठियाँ मेरी अनुबंध से कम नही । सारी अवधारणाएं बदल जायेंगी । मेरे प्रति मन्त्रणाएँ बदल जायेंगी । साथ जब आपके मुझको फिर देखेंगे लोगों की धारणाएँ बदल जायेंगी । कुछ बताए बिना सब बताती रही । जिंदगी भी बहुत कुछ सिखाती रही । यूँ तो सब साथ आए चले भी गए । साथ केवल परिस्थिति निभाती रही ।। चन्द खुशियों के खातिर बहुत गम मिले । खैर जो भी मिले वह बहुत कम मिले ।। मैने जब जब तुम्हारी पढ़ी चिट्ठियाँ । शब्द उनमें तुम्हारे बहुत नम मिले ।। तोड़कर मैं सभी सिलसिले आ गया । छोड़कर सारे शिकवे गिले आ गया ।। टूट जाएं न जीवन के सिद्धांत प्रिय ! इसलिए आपसे बिन मिले आ गया ।। वख्त रहते नही आप चेते कभी । अपने रिश्ते का एहसास देते कभी । चीख कर बोल पड़ती विरह वेदना । मेरी आँखों मे गर झाँक लेते कभी । सौम्यता की डगर में उदासी दिखी । ज़िंदगी वाटिका मे सिया सी दिखी । धूप के रास्तों से निकल तो चले । छांव भी पर मिली तो रूआसी दिखी । |
***सहमति पत्र***
1. मैं साहित्यिक वेबसाइट www.niharikanjali.com को अपनी साहित्यिक रचनाएं जो कि मेरी स्वयं की मौलिक रचनाएं हैं, प्रकाशित करने की सहमति प्रदान करता / करती हूँ। इसके लिए उपरोक्त वेबसाइट से मैं भविष्य में कभी भी अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार के भुगतान की मांग नहीं करूंगा / करूंगी।
2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
3. उपरोक्त वेबसाइट से संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद का न्यायिक क्षेत्र कानपुर अथवा दिल्ली ही होगा।
1. मैं साहित्यिक वेबसाइट www.niharikanjali.com को अपनी साहित्यिक रचनाएं जो कि मेरी स्वयं की मौलिक रचनाएं हैं, प्रकाशित करने की सहमति प्रदान करता / करती हूँ। इसके लिए उपरोक्त वेबसाइट से मैं भविष्य में कभी भी अपनी रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार के भुगतान की मांग नहीं करूंगा / करूंगी।
2. विवाद की स्थिति में रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने में वेबसाइट www.niharikanjali.com की किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी एवं रचनाओं की मौलिकता सिद्ध करने का प्रथम एवं अंतिम कर्तव्य मेरा स्वयं का ही होगा।
3. उपरोक्त वेबसाइट से संबंधित किसी भी प्रकार के विवाद का न्यायिक क्षेत्र कानपुर अथवा दिल्ली ही होगा।